लेखनी प्रतियोगिता -15-Dec-2022 ब्रेक अप
मुक्तक:
खामोश आसमां कब से रोए जा रहा है
पूनम का चांद बादलों में खोए जा रहा है
ठहर गया वक्त गुमसुम हैं बहारों का मौसम
ये ब्रेक अप इश्क की जान लिए जा रहा है
तुझे बेवफा कह दूं तो इश्क की तौहीन होगी
मैं चाहे जैसे रहूं पर तू तो बड़ी जहीन होगी
अपना क्या है, जी लेंगे ये सोचकर ही जाना
तेरी जिंदगी किसी और के साथ हसीन होगी
ये ब्रेक अप का खेल कभी अच्छा नहीं होता
मुहब्बत के खेल में हर कोई कच्चा नहीं होता
यूं तो मिल जायेंगे हजारों प्यार करने वाले तुम्हें
मगर हर कोई आशिक हमसा सच्चा नहीं होता
श्री हरि
15.12.22
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Mar-2023 07:31 PM
लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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Muskan khan
16-Dec-2022 04:33 PM
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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Hari Shanker Goyal "Hari"
16-Dec-2022 10:20 PM
धन्यवाद जी
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Abhinav ji
16-Dec-2022 08:17 AM
Very nice👍👍👍
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Hari Shanker Goyal "Hari"
16-Dec-2022 10:44 AM
धन्यवाद जी
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